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अब आपका बिजली का बिल हो सकता है जीरो! बस अपनाएं यह आसान तरीका

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के जरिए गरीब परिवारों को सब्सिडी, मुफ्त सोलर पैनल और बिजली बिल से राहत। जानें आवेदन प्रक्रिया और पात्रता के बारे में।

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हरियाणा सरकार ने गरीब और अंत्योदय परिवारों को सस्ती और स्थायी बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए “प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना” शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य राज्य में सोलर पैनल लगाने को बढ़ावा देना और लोगों को बिजली बिल के आर्थिक बोझ से राहत दिलाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 29 फरवरी 2024 को शुरू की गई इस योजना का लाभ हरियाणा के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के परिवारों को मिलेगा।

यह योजना न केवल गरीब परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी, बल्कि राज्य को हरित ऊर्जा (Green Energy) की ओर बढ़ाने में भी सहायक होगी। इसके तहत उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगाने पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जिससे उन्हें बिजली की जरूरतों को सौर ऊर्जा से पूरा करने में मदद मिलेगी।

योजना का उद्देश्य और महत्व

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और अंत्योदय परिवारों को बिजली की स्थायी आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इसके तहत सोलर पैनल, जो कि renewable energy (नवीकरणीय ऊर्जा) का स्रोत हैं, के उपयोग को प्रोत्साहित किया गया है। इस योजना के जरिए उपभोक्ताओं को अपनी बिजली खपत पर नियंत्रण पाने और बिजली बिल से राहत मिलने का अवसर मिलेगा।

इसके अलावा, यह योजना पर्यावरणीय सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाएगी। सोलर पैनल के माध्यम से बिजली उत्पन्न करने से न केवल प्रदूषण कम होगा, बल्कि पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता भी घटेगी।

योजना का लाभ प्राप्त करने की पात्रता

यह योजना विशेष रूप से गरीब और अंत्योदय परिवारों के लिए बनाई गई है। अंत्योदय परिवार वे होते हैं जिनकी वार्षिक आय ₹1,80,000 तक होती है। इस योजना में लाभ पाने के लिए निम्नलिखित मानदंड रखे गए हैं:

जिन परिवारों की आय ₹1,80,000 से कम है, वे योजना का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं। आय ₹1,80,000 से ₹3,00,000 के बीच होने पर कम सब्सिडी दी जाएगी। लाभार्थियों की सालाना बिजली खपत 2400 यूनिट से अधिक नहीं होनी चाहिए। योजना में शामिल होने के लिए मकान लोड 2 किलोवाट तक होना चाहिए।

    योजना के तहत सोलर पैनल पर सब्सिडी दी जाएगी। उदाहरण के लिए, 2 किलोवाट तक के सोलर सिस्टम पर प्रति किलोवाट ₹25,000 की सब्सिडी मिलेगी। वहीं, आय वर्ग ₹1,80,000 से ₹3,00,000 तक के परिवारों को प्रति किलोवाट ₹10,000 की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

    सोलर पैनल का चयन और उसकी स्थापना

    सोलर पैनल का चयन उपभोक्ताओं की बिजली खपत के आधार पर किया जाएगा। यदि किसी घर की खपत 150 यूनिट प्रति माह है, तो 1-2 किलोवाट का सोलर पैनल पर्याप्त होगा। वहीं, 150-300 यूनिट खपत होने पर 2-3 किलोवाट और 300 यूनिट से अधिक खपत होने पर 3 किलोवाट या उससे अधिक का सोलर पैनल उपयुक्त रहेगा।

    सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी और बैंक लोन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। इससे उन परिवारों को आर्थिक राहत मिलेगी जो सोलर पैनल की लागत वहन करने में सक्षम नहीं हैं। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया गया है कि सोलर पैनल का चयन उपभोक्ता की बिजली खपत के हिसाब से हो, ताकि उन्हें अधिकतम लाभ मिल सके।

    आवेदन प्रक्रिया क्या है?

    योजना का लाभ उठाने के लिए उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) के पोर्टल पर आवेदन करना होगा। आवेदन प्रक्रिया को सरल और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया गया है। उपभोक्ता को अपनी सही जानकारी के साथ फैमिली आईडी दर्ज करनी होगी, जो अंत्योदय परिवारों के लिए अनिवार्य है।

    आवेदन करने के बाद, उपभोक्ताओं को सोलर पैनल आपूर्तिकर्ता और बैंक लोन की जानकारी प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही, निगम की ओर से विशेष कैंप आयोजित किए जाएंगे, जहां लोग सीधे सहायता प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि योजना का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुंचे।

    रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन्स का योगदान

    प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ केवल व्यक्तिगत उपभोक्ताओं तक सीमित नहीं है। रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन्स (RWAs) भी अपने परिसरों में सोलर पैनल लगवाकर सरकारी सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं। यह कदम सामुदायिक स्तर पर सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और बिजली की बचत करने के लिए उठाया गया है।

    रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन्स द्वारा सोलर पैनल का उपयोग हरियाणा को हरित ऊर्जा की दिशा में ले जाने और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगा।

    पर्यावरण और आर्थिक लाभ

    इस योजना से गरीब परिवारों को न केवल बिजली बिल से राहत मिलेगी, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक होगी। सोलर पैनल renewable energy का प्रमुख स्रोत है, जिससे प्रदूषण कम होता है और ऊर्जा उत्पादन के पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता घटती है।

    हरियाणा सरकार का यह कदम राज्य को हरित ऊर्जा की ओर अग्रसर करने में सहायक होगा और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करेगा।

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