उत्तर भारत के कई राज्यों में शीतलहर और कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी है। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना जैसे राज्यों में छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में छुट्टियां बढ़ा दी गई हैं या संचालन समय में बदलाव किया गया है। शिक्षा विभागों द्वारा इन निर्णयों को लागू करने का मुख्य उद्देश्य बच्चों को ठंड के प्रभाव से बचाना है।
गाजियाबाद सहित कई जिलों में छुट्टियां बढ़ीं
उत्तर प्रदेश में ठंड के कारण कई जिलों में कक्षा 8 तक के स्कूलों को बंद कर दिया गया है। गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट इंद्र विक्रम सिंह ने घोषणा की है कि कक्षा 1 से 8 तक के सभी स्कूल 18 जनवरी तक बंद रहेंगे। इसके अतिरिक्त, मुरादाबाद और रामपुर में कक्षा 9 से 12 तक के स्कूलों के संचालन समय में संशोधन किया गया है। इन जिलों में अब कक्षाएं सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक चलेंगी।
इन जिलों में सामान्य हो रहे स्कूल
वहीं, मेरठ, मथुरा, कानपुर, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, अमेठी, बाराबंकी, गोरखपुर और बलिया जैसे जिलों में स्थिति सामान्य होते ही स्कूल फिर से खोल दिए गए हैं। इन जिलों में सभी कक्षाओं के लिए नियमित शिक्षण कार्य शुरू हो चुका है।
जम्मू-कश्मीर: विस्तारित शीतकालीन अवकाश
जम्मू-कश्मीर में ठंड और बर्फबारी की वजह से स्कूलों की छुट्टियां लंबी अवधि तक बढ़ा दी गई हैं। शिक्षा मंत्री सकीना एलटू ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर जानकारी दी कि कक्षा 5 तक के सभी स्कूल 10 दिसंबर 2024 से 28 फरवरी 2025 तक बंद रहेंगे। कक्षा 6 से 12 तक के स्कूलों को 16 दिसंबर 2024 से 28 फरवरी 2025 तक के लिए बंद किया गया है।
तेलंगाना: मकर संक्रांति की छुट्टियां
तेलंगाना में भी मकर संक्रांति के पर्व को देखते हुए स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टियां घोषित की गई हैं। तेलंगाना बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन (BIE) ने घोषणा की कि सभी इंटरमीडिएट कॉलेज 11 जनवरी से 16 जनवरी तक बंद रहेंगे। 17 जनवरी से सभी शिक्षण कार्य फिर से शुरू होंगे।
शीतलहर का व्यापक असर
शीतलहर के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने अलाव जलाने, स्कूल संचालन समय में बदलाव करने और ठंड से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। स्कूलों में छुट्टियां बढ़ाकर और समय संशोधित करके प्रशासन ने छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है।
क्या करें अभिभावक?
अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर ही बाहर निकलने दें और उन्हें ठंड से बचाने के लिए घर पर ही पढ़ाई का माहौल तैयार करें।