मौनी अमावस्या, जो इस वर्ष 29 जनवरी को पड़ रही है, के अवसर पर स्कूलों और कार्यालयों में सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग तेज हो गई है। यह मांग प्रमुख रूप से महाकुंभ और अन्य धार्मिक स्थलों पर स्नान के महत्व को ध्यान में रखते हुए की जा रही है। मौनी अमावस्या का यह स्नान विशेष है क्योंकि इस वर्ष 144 वर्षों बाद पूर्ण महाकुंभ का आयोजन हो रहा है।
एसोसिएशनों ने सीएम योगी को लिखा पत्र
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मौनी अमावस्या के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की है। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा कि महाकुंभ का यह प्रमुख स्नान न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि लाखों भक्त इस पुण्य अवसर का लाभ लेने के लिए प्रयागराज सहित अन्य स्नान स्थलों पर जाते हैं।
उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक महाकुंभ में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार को सार्वजनिक अवकाश घोषित करना चाहिए, ताकि हर व्यक्ति अपने परिवार के साथ इस धार्मिक स्थल में भाग ले सके।
तीन दिनों के अवकाश की भी उठी मांग
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने भी इस मामले में अपनी मांग रखी है। एसोसिएशन के प्रदेश कोषाध्यक्ष दिलीप चौहान ने मुख्यमंत्री से तीन दिनों का अवकाश घोषित करने की अपील की है। उनका कहना है कि महाकुंभ में स्नान का यह ऐतिहासिक अवसर 144 साल बाद आया है। ऐसे में शिक्षकों और कर्मचारियों को अपने परिवार के साथ इस अवसर का लाभ उठाने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।
महाकुंभ में स्नान का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
महाकुंभ में मौनी अमावस्या का स्नान एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। हिंदू धर्म में इसे मोक्षदायक और पवित्र माना जाता है। इस दिन देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर आकर स्नान करते हैं। यह दिन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी विशेष महत्व रखता है।
संगठनों का कहना है कि मौनी अमावस्या का स्नान लाखों भक्तो के लिए एक ऐसा अवसर है, जो वर्षों में एक बार आता है। इसे देखते हुए सरकार को इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित करना चाहिए।
सार्वजनिक अवकाश पर सरकार का रुख
हालांकि, मौनी अमावस्या पर अवकाश घोषित करने को लेकर अब तक सरकार की ओर से कोई औपचारिक बयान नहीं आया है। प्रदेश में महाकुंभ के आयोजन में सुरक्षा और सभी के लिए एक अच्छी व्यवस्था को पहले ही ध्यान में रखा गया है। अब सिर्फ ऐसे में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा पर विचार किया जा रहा है या नहीं, सिर्फ यह देखना होगा।
अवकाश की मांग क्यों है महत्वपूर्ण?
महाकुंभ जैसे आयोजनों के दौरान, जहां करोड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं, शिक्षकों और कर्मचारियों का परिवार के साथ समय बिताना भी उतना ही आवश्यक हो जाता है। सार्वजनिक अवकाश न केवल धार्मिक कारणों से बल्कि सामाजिक और पारिवारिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
संभावना है कि राज्य सरकार इन मांगों पर विचार करते हुए महाकुंभ में भागीदारी बढ़ाने के लिए अवकाश की घोषणा कर सकती है।