उत्तर प्रदेश के छात्रों के लिए एक अहम सूचना सामने आई है। यूपी बोर्ड ने इंटरमीडिएट के छात्रों की प्रायोगिक यानी प्रैक्टिकल परीक्षाओं को पुनः निर्धारित किया है। पहले यह परीक्षाएं 23 से 31 जनवरी और फिर 1 से 8 फरवरी के बीच आयोजित होनी थीं। लेकिन अब इन्हें अगले महीने में शिफ्ट कर दिया गया है। नए शेड्यूल के मुताबिक, यह परीक्षाएं 1 फरवरी से 16 फरवरी के बीच संपन्न होंगी।
बोर्ड ने दो चरणों में इन परीक्षाओं को बांटा है। पहले चरण की प्रायोगिक परीक्षाएं 1 से 8 फरवरी तक और दूसरे चरण की परीक्षाएं 9 से 16 फरवरी तक आयोजित की जाएंगी।
पहले और दूसरे चरण में कौन से मंडलों में होगी परीक्षा?
पहले चरण की प्रायोगिक परीक्षाएं अलीगढ़, मुरादाबाद, कानपुर, मेरठ, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी और गोरखपुर मंडलों में आयोजित होंगी। वहीं, दूसरे चरण की परीक्षाएं आगरा, सहारनपुर, झांसी, चित्रकूट, बरेली, लखनऊ, अयोध्या, आजमगढ़, देवीपाटन और बस्ती मंडलों में कराई जाएंगी।
शिक्षा विभाग ने इस नई व्यवस्था के लिए व्यापक तैयारियां की हैं ताकि परीक्षाओं के आयोजन में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो।
नई व्यवस्था में क्या है खास?
उत्तर प्रदेश बोर्ड ने प्रायोगिक परीक्षाओं में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। इस बार परीक्षक, परीक्षा केंद्र पर ही प्राप्त अंकों को तुरंत अपलोड करेंगे। इसके लिए एक विशेष ऐप बनाया गया है, जो केवल परीक्षा केंद्र के 200 मीटर के दायरे में ही काम करेगा।
इस व्यवस्था में परीक्षकों को परीक्षा के दौरान अपनी सेल्फी भी अपलोड करनी होगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि परीक्षक स्वयं परीक्षा केंद्र पर उपस्थित हैं।
परीक्षा तिथि में बदलाव का कारण
परीक्षा तिथियों में बदलाव का मुख्य कारण JEE Main परीक्षा है। पहले निर्धारित की गई तिथियां JEE Main परीक्षा के साथ टकरा रही थीं, जिससे छात्रों को असुविधा हो रही थी।
बोर्ड ने छात्रों की इन दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए प्रायोगिक परीक्षाओं की तिथियों को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया।
सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन फिजिक्स और केमिस्ट्री में
यूपी बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाओं में सबसे ज्यादा छात्र भौतिकी (Physics) और रसायन विज्ञान (Chemistry) में पंजीकृत हैं। इन विषयों में प्रायोगिक परीक्षा छात्रों के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह उनके कुल अंकों को सीधे प्रभावित करती है।
बोर्ड ने यह सुनिश्चित किया है कि परीक्षाओं के आयोजन में किसी भी प्रकार की चूक न हो और छात्रों के भविष्य को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे।
छात्रों को क्या रखना होगा ध्यान में?
छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे अपने परीक्षा केंद्रों की जानकारी समय रहते प्राप्त कर लें और समय से परीक्षा में उपस्थित हों। नए ऐप और सेल्फी अपलोड की व्यवस्था के कारण परीक्षा केंद्र पर उपस्थिति को लेकर सख्ती बरती जाएगी।
इस नई प्रणाली का उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाना है, ताकि छात्रों और अभिभावकों के मन में किसी प्रकार की शंका न रहे।