समग्र शिक्षा अभियान के तहत राज्य परियोजना निदेशालय ने 50 मेधावी विद्यार्थियों को वियतनाम और कंबोडिया के शैक्षणिक भ्रमण के लिए चयनित किया है। ये विद्यार्थी जमा एक और जमा दो कक्षाओं के हैं, जिनका चयन उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों और सह-शैक्षणिक गतिविधियों में उनके शानदार प्रदर्शन के आधार पर किया गया है। इस ऐतिहासिक पहल का उद्देश्य छात्रों को वैश्विक शिक्षा और तकनीकी प्रगति के अनुभव प्रदान करना है, जिससे उनकी समग्र व्यक्तित्व वृद्धि सुनिश्चित हो सके।
95% से अधिक अंकों वाले छात्रों को प्राथमिकता
चयन प्रक्रिया के तहत 40 विद्यार्थियों का चयन उनके दसवीं कक्षा की परीक्षा में 95 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने के आधार पर किया गया है। इसके अलावा, 4 विद्यार्थी जो राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं, 2 एनसीसी कैडेट जिन्होंने गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया, 1 एनएसएस स्वयंसेवक, 1 स्काउट एंड गाइड, और 1 राष्ट्रीय सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने वाला छात्र भी इस शैक्षणिक यात्रा का हिस्सा होंगे।
सिंगापुर में शिक्षकों का शैक्षणिक भ्रमण
विद्यार्थियों के साथ-साथ 60 शिक्षकों को सिंगापुर के शैक्षणिक भ्रमण के लिए चयनित किया गया है। शिक्षकों को वहां की आधुनिक शिक्षा प्रणाली और शिक्षण तकनीकों को जानने और समझने का अवसर मिलेगा। इन शिक्षकों की सूची प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय द्वारा तैयार की गई है और समग्र शिक्षा परियोजना निदेशक ने इसे शिक्षा सचिव को सौंपा है। हालांकि, उच्च शिक्षा निदेशालय के शिक्षकों का चयन अभी अधर में है। इसके लिए नए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं, जिसके कारण प्रक्रिया में देरी हो रही है।
शैक्षणिक भ्रमण का उद्देश्य
विद्यार्थियों और शिक्षकों को इस विदेश भ्रमण का हिस्सा बनाकर उन्हें आधुनिक शिक्षा प्रणाली, तकनीकी प्रगति और सांस्कृतिक विविधताओं को करीब से समझने का मौका दिया जाएगा। वियतनाम और कंबोडिया की शिक्षा प्रणाली को देखने से विद्यार्थियों को वैश्विक दृष्टिकोण मिलेगा, जबकि सिंगापुर की आधुनिक शिक्षण तकनीकों का अनुभव शिक्षकों के शिक्षण कौशल को निखारने में सहायक होगा।
राष्ट्रीय स्तर की उपलब्धियों को भी दी गई प्राथमिकता
चयन प्रक्रिया में केवल शैक्षणिक प्रदर्शन को ही नहीं, बल्कि सह-शैक्षणिक उपलब्धियों को भी विशेष महत्व दिया गया है। एनसीसी, एनएसएस, स्काउट एंड गाइड, सांस्कृतिक गतिविधियों और राष्ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को इस योजना में प्राथमिकता दी गई है। यह सुनिश्चित करता है कि विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभाशाली छात्रों को समान अवसर मिले।
फरवरी में शुरू होगा शैक्षणिक भ्रमण
विद्यार्थियों और शिक्षकों का यह शैक्षणिक भ्रमण फरवरी 2025 में शुरू होने की संभावना है। इस दौरान उच्च शिक्षा निदेशालय के शिक्षकों का चयन और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी।
चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता
समग्र शिक्षा अभियान के तहत इस चयन प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से संपन्न किया गया है। परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने चयनित विद्यार्थियों और शिक्षकों की सूची शिक्षा सचिव को सौंप दी है।
छात्रों और अभिभावकों में उत्साह
इस योजना को लेकर छात्रों और अभिभावकों में भारी उत्साह है। एक चयनित छात्रा के अभिभावक ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “यह हमारे बच्चों के लिए एक शानदार अवसर है। इससे उन्हें न केवल विदेशों की शिक्षा प्रणाली का अनुभव होगा, बल्कि यह उनके भविष्य को नई दिशा भी देगा।”
योजना की चुनौतियां
योजना की व्यापक सराहना के बावजूद, उच्च शिक्षा निदेशालय के शिक्षकों के चयन में देरी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इसके अलावा, टेंडर प्रक्रिया और प्रशासनिक औपचारिकताओं में बाधाएं आने से कार्यक्रम की समय-सीमा पर प्रभाव पड़ सकता है।
सरकार की पहल का व्यापक प्रभाव
यह विदेश भ्रमण योजना न केवल विद्यार्थियों और शिक्षकों के व्यक्तिगत विकास में सहायक होगी, बल्कि राज्य की शिक्षा प्रणाली को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करेगी। शिक्षकों और छात्रों द्वारा आधुनिक शिक्षण तकनीकों और वैश्विक दृष्टिकोण को अपनाने से शिक्षा के स्तर में उल्लेखनीय सुधार होगा।