ठंड के बढ़ते प्रकोप और दक्षिण भारत में त्योहारों के चलते देश के कई राज्यों और जिलों में स्कूलों की छुट्टियां बढ़ा दी गई हैं। जहां उत्तर भारत के राज्यों में शीतलहर और बारिश ने स्कूलों के दरवाजे बंद रखे हैं, वहीं दक्षिण भारत में पोंगल और अन्य त्योहारों के अवसर पर लंबे अवकाश का ऐलान किया गया है। आइए जानते हैं इन जिले में छुट्टियों का ताजा हाल।
दक्षिण भारत: पोंगल पर 10 दिन की लंबी छुट्टियां
तमिलनाडु में पोंगल त्योहार के कारण 11 जनवरी से 19 जनवरी तक छुट्टी की घोषणा की गई है। यह राज्य का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण फसल आधारित त्योहार है। इसके अलावा, 13 जनवरी को भोगी और 15 जनवरी को तिरुवल्लुवर दिवस मनाया गया। 16 जनवरी को उझावर थिरुनल के बाद मांग के अनुसार 17 जनवरी को भी अवकाश घोषित किया गया। सरकार का उद्देश्य है कि लोग इस दौरान अपने परिवार के साथ त्योहार का आनंद उठा सकें।
उत्तर भारत: शीतलहर बनी कारण
उत्तर भारत के कई राज्यों में ठंड ने स्कूलों को बंद करने पर मजबूर कर दिया है। अगर हम बात दिल्ली की करें तो 1 जनवरी से 15 जनवरी तक दिल्ली के स्कूल बंद रखे गए थे। लेकिन सिर्फ क्लास 9th और 11th के छात्रों के लिए हाइब्रिड मोड के माध्यम से क्लास आयोजित करने के निर्देश दिया गया था। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, लखनऊ और बरेली जैसे शहरों में भी 17 जनवरी तक क्लास 8 तक फिलहाल स्कूल बंद हैं। 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक चल रही हैं। गाजियाबाद में नर्सरी से क्लास 8 तक की छुट्टियां 18 जनवरी तक बढ़ाई गई हैं।
वैसे ही राजस्थान, कोटा और डीग जैसे जिलों में 18 जनवरी तक क्लास 5 और 8 तक के स्कूलों में अवकाश रहेगा। और साथ जिला प्रशासन ने बिहार की राजधानी पटना में भी 18 जनवरी तक क्लास वन से लेकर आठवीं तक के स्कूल बंद रखने का आदेश दिया है।
जम्मू-कश्मीर: सबसे लंबी छुट्टियाँ
देश में सबसे लंबी छुट्टियां जम्मू-कश्मीर में दी गई हैं। यहां ठंड का प्रकोप इतना अधिक है कि स्कूल 28 फरवरी 2025 तक बंद रहेंगे। यह फैसला छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
अवकाश बढ़ाने का उद्देश्य
छुट्टियों के पीछे सरकार का उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना है। उत्तर भारत में ठंड और शीतलहर की वजह से बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं, दक्षिण भारत में त्योहार के अवसर पर छुट्टियां देकर सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि लोग अपने परिवारों के साथ समय बिता सकें और उत्सव का आनंद ले सकें।