सड़क दुर्घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए छतरपुर शहर की यातायात पुलिस ने एक अनोखी और सराहनीय पहल की है। एसपी के निर्देशन में जुलाई में जनसहयोग से शुरू किए गए हेलमेट बैंक का उद्देश्य सड़क पर चलने वाले दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। छत्रसाल चौराहे स्थित यातायात चौकी से संचालित यह हेलमेट बैंक अब तक हजारों लोगों को मुफ्त में हेलमेट उपलब्ध करा चुका है।
यातायात प्रधान आरक्षक शशि शंकर द्विवेदी ने बताया कि कई लोगों को इस सेवा के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन यह पहल दुर्घटनाओं को रोकने और लोगों को सुरक्षित बनाने में मददगार साबित हो रही है। पिछले पांच महीनों में इस बैंक ने सड़क पर बिना हेलमेट चलने वालों की संख्या में उल्लेखनीय कमी दर्ज की है।
कैसे प्राप्त करें हेलमेट?
हेलमेट बैंक से हेलमेट प्राप्त करना एक सरल और सुविधाजनक प्रक्रिया है। यदि आप बिना हेलमेट के कहीं जा रहे हैं, तो आप यातायात चौकी पर जाकर अपना पहचान पत्र दिखाकर हेलमेट प्राप्त कर सकते हैं। हेलमेट लेते समय वाहन और मोबाइल नंबर दर्ज कराया जाता है, और आपको बिना कोई शुल्क दिए आईएसआई मार्क वाला हेलमेट प्रदान किया जाता है। हालांकि, इस हेलमेट को 24 घंटे के भीतर वापस करना अनिवार्य है।
जागरूकता अभियान
यातायात प्रधान आरक्षक ने यह भी बताया कि लोगों को हेलमेट पहनने के महत्व के प्रति जागरूक करना एक चुनौती है। अक्सर लोग छोटी दूरी के सफर या परिचित के साथ जाने के लिए हेलमेट खरीदने से बचते हैं। ऐसी स्थिति में यह हेलमेट बैंक उनकी यात्रा को सुरक्षित बनाने का विकल्प प्रदान करता है। यातायात पुलिस लगातार जागरूकता अभियान चला रही है, ताकि सड़क सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी का भाव विकसित हो सके।
क्यों जरूरी है यह पहल?
हेलमेट बैंक न केवल उन लोगों के लिए मददगार है जो अचानक सफर पर निकलते हैं, बल्कि यह सड़क पर सुरक्षित परिवहन का संदेश भी देता है। जब एक साधारण हेलमेट हजारों जानें बचा सकता है, तो यह पहल न केवल सराहनीय है बल्कि अनुकरणीय भी।