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पार्किंग नहीं तो नहीं खरीद पाएंगे कार, कड़े नियम को लागू करने तैयारी में सरकार

सरकार ने लिया बड़ा कदम, अब कार खरीदने से पहले पार्किंग व्यवस्था होगी जरूरी! जानिए कैसे इस नीति से ट्रैफिक जाम की समस्या को सुलझाया जाएगा।

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पार्किंग नहीं तो नहीं खरीद पाएंगे कार, कड़े नियम को लागू करने तैयारी में सरकार

महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों, मुंबई और ठाणे, में बढ़ते ट्रैफिक जाम की समस्या को लेकर परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इन घनी आबादी वाले शहरों में वाहनों की बढ़ती संख्या ही ट्रैफिक जाम का मुख्य कारण बन रही है। सरनाईक का मानना है कि हाल के समय में यह देखा गया है कि 1 बीएचके के घरों में रहने वाले लोग अपनी कारों को सड़कों पर खड़ा कर देते हैं, जिससे सड़क पर भीड़ बढ़ जाती है और ट्रैफिक जाम की समस्या गंभीर हो जाती है। इसे देखते हुए महाराष्ट्र सरकार अब एक नई नीति लागू करने की योजना बना रही है, जिसके तहत किसी भी व्यक्ति को कार खरीदने से पहले अपनी पार्किंग की जगह बताना जरूरी होगा। यह कदम शहरी क्षेत्रों में ट्रैफिक की समस्या को कम करने के लिए उठाया जा रहा है।

पार्किंग स्थान के बिना कार खरीदने पर प्रतिबंध

सरनाईक ने यह भी बताया कि इस नई नीति का उद्देश्य उन लोगों को निशाना बनाना है जो अपनी कारों को सार्वजनिक सड़कों पर खड़ा करते हैं, क्योंकि उनके पास अपनी निजी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जिनके पास निजी पार्किंग की सुविधा नहीं है, वे सार्वजनिक पार्किंग स्थल में स्थान सुरक्षित करके कार खरीद सकते हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि यह नीति गरीबों के खिलाफ नहीं होगी, बल्कि यह शहरी क्षेत्रों में पार्किंग और ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करने के लिए बनाई जा रही है।

सरनाईक ने यह उल्लेख किया कि कई लोग लोन पर एक बेडरूम के फ्लैट में रहते हैं, लेकिन उनके पास निजी पार्किंग की व्यवस्था नहीं होती है। इसके कारण वे अपनी कार को सार्वजनिक सड़कों पर खड़ा कर देते हैं, जिससे न केवल ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ती है, बल्कि अन्य आपातकालीन सेवाओं, जैसे कि एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड, के संचालन में भी बाधा उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि सोसाइटियों में खुले स्थानों को पार्किंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिससे आपातकालीन सेवाओं के लिए जगह कम हो जाती है।

ट्रैफिक समस्या का समाधान और आगामी योजनाएं

सरनाईक ने इस नीति को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के खिलाफ न मानते हुए कहा कि ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान जरूरी है। मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह कदम शहरी विकास और ट्रैफिक नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके अलावा, जब से सरनाईक महाराष्ट्र की महायुति सरकार में परिवहन मंत्री बने हैं, तब से वह ट्रैफिक जाम कम करने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रहे हैं। इसके तहत उन्होंने केबल टैक्सी परियोजना की शुरुआत को बढ़ावा दिया है। केबल टैक्सी का उद्देश्य शहरों में ट्रैफिक जाम से निपटना है, खासकर उन इलाकों में जहां सड़कों की उपलब्धता सीमित है।

सरनाईक ने यह भी बताया कि राज्य सरकार बाइक टैक्सी की नियमावली पर काम कर रही है, जो अगले कुछ महीनों में लांच हो सकती है। यह कदम उन लोगों के लिए होगा जो बाइक टैक्सी सेवाओं का उपयोग करना चाहते हैं और ट्रैफिक की समस्या से बचना चाहते हैं। इस नीति के लागू होने से न केवल ट्रैफिक जाम कम होगा, बल्कि वाहनों के अनियंत्रित पार्किंग से उत्पन्न होने वाली समस्याओं का भी समाधान होगा।

क्या यह नीति प्रभावी होगी?

महाराष्ट्र सरकार द्वारा लाई जा रही नई नीति को लेकर लोगों के बीच mixed reactions देखने को मिल रहे हैं। जहां एक ओर कुछ लोग इस नीति का स्वागत कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों को यह निर्णय आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग पर अतिरिक्त दबाव डालने वाला लग सकता है। हालांकि, यह बात स्पष्ट है कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करना है, जो लगातार बढ़ रही है।

सरनाईक के अनुसार, यह नीति न केवल शहरी क्षेत्रों में पार्किंग की समस्या को सुलझाएगी, बल्कि सार्वजनिक सेवाओं, जैसे कि एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड, के संचालन में भी सहूलियत प्रदान करेगी। इसके साथ ही, राज्य सरकार की ओर से बाइक टैक्सी और केबल टैक्सी जैसी नई सेवाओं के लांच से ट्रैफिक नियंत्रण में और भी मदद मिलेगी।

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