उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहमानखेड़ा इलाके में पिछले कई दिनों से बाघ की मौजूदगी ने दहशत का माहौल बना दिया है। वन विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद यह बाघ अभी तक पकड़ में नहीं आया है। बाघ के भय से स्थानीय निवासियों ने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया है। यहां तक कि बच्चों ने भी स्कूल जाना छोड़ दिया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने इलाके के स्कूल-कॉलेजों को अस्थायी रूप से बंद रखने के आदेश जारी किए हैं।
बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने तेज की गतिविधियां
रहमानखेड़ा और उसके आसपास के इलाकों में बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने व्यापक इंतजाम किए हैं। प्रभागीय वन अधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष पेट्रोलिंग टीम का गठन किया गया है। इसके साथ ही संभावित स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे और थर्मल ड्रोन लगाए गए हैं। बाघ की निगरानी के लिए तीन मचान बनाए गए हैं, जहां से उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। यह बाघ मीठे नगर, उलरापुर, और आसपास के जंगलों में घूमता देखा गया है। डीएफओ डॉ. सितांशु पांडेय ने बताया कि बाघ अब तक कुल 14 शिकार कर चुका है। इनमें नीलगाय और अन्य पालतू जानवर शामिल हैं।
स्कूल-कॉलेज बंद, ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर
डीएम द्वारा जारी आदेश के अनुसार, रहमानखेड़ा और आसपास के गांवों के सभी स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे। इन क्षेत्रों में साहिलामऊ, उलरापुर, मीठेनगर, दुगौली, कटौल, और अन्य गांव शामिल हैं। हालांकि, छात्रों की पढ़ाई को जारी रखने के लिए ऑनलाइन क्लासेस की व्यवस्था की गई है।
बाघ की दहशत के चलते कई अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजना पूरी तरह बंद कर दिया है। मीठे नगर और उलरापुर के प्राथमिक विद्यालयों में छात्र उपस्थिति शून्य रही। शिक्षकों ने बताया कि छात्रों के न आने से बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी भी प्रभावित हो रही है।
जंगल के जोन में बाघ की दहाड़, वन विभाग के प्रयास जारी
वन विभाग ने रहमानखेड़ा के जंगल को कई जोन में विभाजित किया है। जोन एक और दो में बाघ की हलचल सबसे अधिक दर्ज की गई है। बुधवार की सुबह, बाघ ने मीठे नगर के जंगल में बांधे गए एक पड़वे को मार डाला। शिकार के स्थान पर सीसीटीवी कैमरे और जाल लगाए गए हैं, लेकिन बाघ हर बार चकमा देकर निकल जाता है।
डीएफओ ने बताया कि तीन मचान से निगरानी हो रही है, लेकिन विशेषज्ञों की कमी से प्रक्रिया में देरी हो रही है। हालांकि, बाघ की गतिविधियों को रिकॉर्ड करने के लिए लाइव कैमरों का सहारा लिया जा रहा है।
ग्रामीणों में खौफ बरकरार
बाघ की मौजूदगी से ग्रामीण भयभीत हैं। मीठे नगर निवासी सुनील रावत ने कहा कि बाघ की दहशत के चलते गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। बच्चे स्कूल नहीं जा रहे और लोग खेतों में काम करने से भी डर रहे हैं।
वन विभाग ने इस बीच बाघ के लिए संभावित क्षेत्र चिह्नित कर लिया है। रहमानखेड़ा के यूकेलिप्टस के जंगलों के पास बाघ का शिकार करना आम हो गया है।
विशेषज्ञों की राय और आगे की योजना
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. रेणु सिंह ने क्षेत्र का निरीक्षण किया और वन विभाग को निर्देश दिए कि बाघ को सुरक्षित पकड़ा जाए। विशेषज्ञों के अनुसार, बाघ भोजन की तलाश में बार-बार आबादी वाले इलाकों में प्रवेश कर रहा है। वन विभाग इसे ट्रैंक्विलाइज़र गन से पकड़ने की योजना बना रहा है।