CCSU Fake Degree: अगर आपने भी चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी (CCSU) मेरठ से LLB या BALB की डिग्री प्राप्त की है, तो सतर्क हो जाइए। दिल्ली में इस बार एसोसिएशन की जांच में खुलासा हुआ है कि वर्ष 2005 से 2023 के बीच इस यूनिवर्सिटी के अधीन कॉलेजों से जारी की गई 13 डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं। इनमें 8 LLB और 5 BALB की डिग्रियां शामिल हैं। यह सभी डिग्रियां यूनिवर्सिटी के एडेड कॉलेजों की ओर से जारी की गई थीं।
दिल्ली बार एसोसिएशन ने यूनिवर्सिटी से इन डिग्रियों के सत्यापन की मांग की थी, जिसमें रोल नंबर और अंकों तक में फर्जीवाड़ा सामने आया। यूनिवर्सिटी ने इस पर एक बड़ी रिपोर्ट तैयार की है, जो इस घोटाले को अच्छे ढंग से उजागर करती है।
फर्जी डिग्रियों में रोल नंबर और अंक तक निकले गलत
जांच के दौरान पाया गया कि इन फर्जी डिग्रियों में रोल नंबर और अंकों के साथ छेड़छाड़ की गई थी। ये डिग्रियां 2005 से 2023 के बीच जारी की गई थीं। दिल्ली बार एसोसिएशन ने सतर्कता बरतते हुए जब चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी को सत्यापन के लिए कुछ डिग्रियां भेजी, तो यह घोटाला सामने आया।
यूनिवर्सिटी की ओर से जारी रिपोर्ट में यह बताया गया है कि इन फर्जी डिग्रियों के कारण यूनिवर्सिटी और इसके मान्यता प्राप्त कॉलेजों की साख पर गहरा असर पड़ा है। पहले भी इसी यूनिवर्सिटी से जुड़े कॉलेजों की कई मार्कशीट और डिग्रियां जांच में फर्जी पाई जा चुकी हैं। यह स्थिति न केवल छात्रों बल्कि शिक्षा व्यवस्था के प्रति जनता के भरोसे को भी कमजोर कर रही है।
2005 से 2023 के बीच की डिग्रियां हैं संदेह के घेरे में
चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड के अनुसार, यह सभी फर्जी डिग्रियां एडेड कॉलेजों से जारी की गई हैं। जांच में शामिल 8 LLB और 5 BALB डिग्रियां पूरी तरह से नकली पाई गईं। यह साफ हुआ कि इन डिग्रियों के लिए इस्तेमाल किए गए रोल नंबर और अंक यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड में दर्ज ही नहीं थे।
यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने इस मामले पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को सौंप दी है। इसके अलावा, इस मामले में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की संभावना भी जताई जा रही है।
पहले भी सामने आ चुका है डिग्री घोटाला
यह पहली बार नहीं है जब चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी की डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं। इससे पहले भी यूनिवर्सिटी के कई रिकॉर्ड दिल्ली और कर्नाटक समेत अन्य राज्यों से सत्यापन के लिए भेजे गए थे, जिसमें कई डिग्रियां और मार्कशीट फर्जी साबित हुई थीं।
यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए भविष्य में सत्यापन प्रक्रिया को और सख्त बनाया जाएगा। इसके लिए डिजिटल रिकॉर्ड और सत्यापन प्रक्रिया को मजबूत करने की योजना बनाई जा रही है।
फर्जी डिग्री घोटाले का असर
इस घोटाले ने न केवल चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी की इज्जत पर सवाल उठाए हैं, बल्कि छात्रों और उनके भविष्य को भी खतरे में डाल दिया है। यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाले लाखों छात्रों में भय और घबराहट का माहौल है। ऐसे में सभी छात्रों को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी डिग्रियों का सत्यापन अवश्य करवा लें।