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B.Ed Course: 10 साल बाद B.Ed कोर्स में बड़ा बदलाव! अब 4 साल के BA करने पर 1 साल में हो जाएगा B.Ed

दस वर्षों के बाद एक वर्षीय बीएड कोर्स की फिर से शुरुआत होने जा रही है। अगर आप शिक्षक बनने के इच्छुक हैं तो यह खबर आपके लिए है। इस बदलाव के तहत छात्र एक साल में बीएड कोर्स पूरा कर सकेंगे और कम फीस में शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे।

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B.Ed Course: 10 साल बाद B.Ed कोर्स में बड़ा बदलाव! अब 4 साल के BA करने पर 1 साल में हो जाएगा B.Ed

दस वर्षों के बाद एकबार फिर से बीएड (Bachelor of Education) कोर्स में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने एक वर्षीय बीएड कोर्स को मंजूरी दे दी है। इस महत्वपूर्ण निर्णय के तहत एक वर्षीय बीएड कोर्स की शुरुआत 2025 से की जाएगी। इससे पहले 2014 में इस कोर्स को बंद कर दिया गया था, लेकिन अब इसे फिर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की सिफारिशों के अनुसार शुरू किया जाएगा।

क्या है नया आदेश?

एनसीटीई की गवर्निंग बॉडी की बैठक में एक वर्षीय बीएड कोर्स को फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया। इसके अलावा, इस बैठक में अन्य टीचिंग कोर्स को लेकर भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। एक वर्षीय बीएड कोर्स उन छात्रों के लिए उपलब्ध होगा जिन्होंने चार साल का स्नातक कोर्स किया हो या फिर स्नातकोत्तर के बाद वे इस कोर्स के लिए योग्य होंगे। यह बदलाव 2025 से प्रभावी होगा, जब छात्र मात्र एक साल में बीएड कोर्स पूरा कर सकेंगे।

2014 में क्यों बंद किया गया था एक वर्षीय बीएड?

2014 में एक वर्षीय बीएड कोर्स को बंद कर दिया गया था, क्योंकि इसे ज्यादा प्रभावी और व्यापक तरीके से लागू नहीं किया जा सका था। इसके स्थान पर चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) को शुरू किया गया था, जो छात्रों को एक साथ बीएड और अन्य स्नातक डिग्री प्रदान करता था। लेकिन अब, शिक्षा नीति में बदलावों के चलते, NCTE ने एक वर्षीय बीएड को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है।

क्या हैं नए रेगुलेशन?

एनसीटीई ने 2025 के लिए नए रेगुलेशंस की मंजूरी दी है, जो 2014 के रेगुलेशंस की जगह लेंगे। इन नए नियमों के तहत अब 4 वर्षीय बीएड कोर्स के विकल्प के तौर पर एक वर्षीय बीएड कोर्स होगा। इस बदलाव से शिक्षक बनने के इच्छुक छात्रों के लिए विकल्प बढ़ जाएंगे, साथ ही इस कोर्स को पूरा करने का समय भी कम हो जाएगा।

बिहार में स्थिति

एनसीटीई के आंकड़ों के मुताबिक, फिलहाल भारत के 64 शिक्षा संस्थानों में चार साल का इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) चल रहा है। बिहार में चार शैक्षिक संस्थानों में चार वर्षीय बीएड कोर्स की पढ़ाई हो रही है, जिसमें छात्र अपनी पसंद के विषयों में बीएड कर सकते हैं। अब, ITEP के तहत योगा एजुकेशन, शारीरिक शिक्षा, संस्कृत और परफॉर्मिंग आर्ट एजुकेशन जैसे स्पेशलाइज्ड स्ट्रीम्स भी जोड़े जाएंगे।

भविष्य में क्या होगा?

एनसीटीई ने 2030 तक दो वर्षीय बीएड कोर्स को समाप्त करने की योजना बनाई है। इसके साथ ही, अगले साल से 4 वर्षीय बीए-बीएड और बीएससी-बीएड कोर्सों को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है। इसके स्थान पर नया एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम लागू किया जाएगा। 2024 से दो वर्षीय बीएड कोर्स की मान्यता भी बंद कर दी जाएगी। इससे शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव आएगा, और शिक्षा प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

क्या होगा छात्रों के लिए लाभ?

इस बदलाव का सबसे बड़ा लाभ छात्रों को होगा। एक साल का बीएड कोर्स उन्हें कम समय में अपनी शिक्षा पूरी करने का अवसर देगा। इसके साथ ही, छात्रों को अब कम फीस में कोर्स करने का मौका मिलेगा, क्योंकि वर्तमान में दो वर्षीय बीएड कोर्स के लिए छात्रों को डेढ़ से दो लाख रुपये की फीस देनी पड़ती है। हालांकि, एक वर्षीय बीएड कोर्स में फीस कम होगी, खासकर सरकारी कॉलेजों में।

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