शुक्रवार को दिल्ली में ‘संचार साथी’ ऐप की लॉन्चिंग के बाद देहरादून में दूरसंचार विभाग के उप महानिदेशक राजीव बंसल ने इस नई सेवा की विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि ‘संचार साथी’ पोर्टल एक साल पहले ही लॉन्च किया जा चुका था। अब इस पोर्टल को ऐप के रूप में उपलब्ध कराया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें। उत्तराखंड में इस पोर्टल के जरिए अब तक 11,979 मोबाइल चोरी होने की शिकायतें दर्ज हुई हैं। इनमें से 7,320 फोन की लोकेशन ट्रेस हो चुकी है और 1,197 मोबाइल पुलिस द्वारा रिकवर किए जा चुके हैं।
इस ऐप की मदद से उपयोगकर्ता यह भी जान सकते हैं कि उनके नाम पर कितने सिम कनेक्शन सक्रिय हैं। इसके अतिरिक्त, उपयोगकर्ता अपने आसपास के इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की जानकारी भी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
चोरी हुए मोबाइल की ट्रैकिंग में मिली सफलता
‘संचार साथी’ ऐप के माध्यम से मोबाइल चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने में मदद मिल रही है। उत्तराखंड में दर्ज 11,979 शिकायतों में से 7,320 फोन की लोकेशन ट्रेस की जा चुकी है। इनमें से 1,197 फोन पुलिस द्वारा रिकवर किए गए हैं। यह आंकड़ा साबित करता है कि यह सेवा चोरी और धोखाधड़ी जैसी समस्याओं से निपटने में काफी प्रभावी है।
राजीव बंसल ने बताया कि मोबाइल चोरी की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए यह ऐप एक बड़ा समाधान है। इसके जरिए मोबाइल की लोकेशन तुरंत ट्रेस की जा सकती है, जिससे चोरी की घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है।
जानें, आपके नाम पर कितने कनेक्शन हैं सक्रिय
‘संचार साथी’ ऐप का एक और महत्वपूर्ण फीचर यह है कि इससे उपयोगकर्ता यह पता कर सकते हैं कि उनके नाम पर कितने सिम कार्ड सक्रिय हैं। कई बार धोखाधड़ी या फर्जी पहचान के जरिए लोगों के नाम पर बिना उनकी जानकारी के सिम कनेक्शन लिए जाते हैं। इस ऐप की मदद से ऐसी किसी भी अनियमितता का पता लगाया जा सकता है।
राजीव बंसल ने कहा कि इस सुविधा के कारण लोग फर्जीवाड़े का शिकार होने से बच सकते हैं। यदि किसी उपयोगकर्ता को अपने नाम पर लिए गए अतिरिक्त कनेक्शन का पता चलता है, तो वह तुरंत इसकी शिकायत कर सकता है।
इंट्रा सर्कल रोमिंग सर्विस का भी हुआ शुभारंभ
‘संचार साथी’ ऐप के साथ ही, इंट्रा सर्कल रोमिंग सर्विस की भी शुरुआत की गई है। इस नई सेवा के तहत सरकारी बजट से स्थापित निजी कंपनियों के मोबाइल टावरों को साझा किया जाएगा। इससे विभिन्न कंपनियों के नेटवर्क का लाभ एक ही क्षेत्र में उपयोगकर्ताओं को मिल सकेगा।
इस सेवा का उद्देश्य नेटवर्क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है, खासकर ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में, जहां अक्सर सिग्नल की समस्या होती है। इंट्रा सर्कल रोमिंग से सभी कंपनियों के नेटवर्क एक समान उपलब्ध होंगे, जिससे उपभोक्ताओं को निर्बाध सेवा मिल सकेगी।
ऐप का उपयोग कैसे करें?
‘संचार साथी’ ऐप को उपयोगकर्ता आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप के माध्यम से मोबाइल चोरी की शिकायत दर्ज करने, लोकेशन ट्रेस करने, फर्जी सिम कनेक्शन का पता लगाने और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की जानकारी प्राप्त करने की सुविधा है। यह ऐप यूजर फ्रेंडली डिजाइन में तैयार किया गया है, जिससे हर वर्ग के लोग इसका उपयोग आसानी से कर सकें।
राजीव बंसल ने कहा कि सरकार का उद्देश्य डिजिटल इंडिया के तहत सभी नागरिकों को टेक्नोलॉजी का लाभ पहुंचाना है। ‘संचार साथी’ ऐप उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।
“संचार साथी” ऐप से नेटवर्क और सुरक्षा का मिलेगा भरोसा
‘संचार साथी’ ऐप न केवल मोबाइल चोरी और फर्जी सिम कनेक्शन जैसी समस्याओं का समाधान करता है, बल्कि यह देशभर में बेहतर नेटवर्क कनेक्टिविटी प्रदान करने की दिशा में भी सहायक है। इस ऐप के माध्यम से दूरसंचार सेवाओं का उपयोग अधिक सरल और सुरक्षित हो गया है।