उत्तर प्रदेश में इन दिनों शीतलहर का कहर अपने चरम पर है। बढ़ती ठंड और गिरते तापमान को देखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। आठवीं कक्षा तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में 18 जनवरी तक अवकाश घोषित कर दिया गया है। यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
विद्यालय स्टाफ के लिए निर्देश
हालांकि, स्कूल शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ को इस अवकाश के दौरान स्कूल में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सभी प्रशासनिक कार्य और शैक्षणिक तैयारियां सुचारू रूप से जारी रहें।
शीतलहर का स्वास्थ्य पर प्रभाव
शीतलहर के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में वृद्धि देखी जा रही है। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अत्यधिक ठंड के कारण बच्चों में सर्दी, खांसी, निमोनिया और हाइपोथर्मिया जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
जिला प्रशासन का बयान
जिला अधिकारी ने इस निर्णय पर टिप्पणी करते हुए कहा, “बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। शीतलहर की गंभीरता को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। स्कूल स्टाफ को यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों की परीक्षा और शैक्षणिक गतिविधियां समय पर पूरी हो सकें।”
ऑनलाइन कक्षाओं का सुझाव
प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन को सलाह दी है कि अवकाश के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया जाए। इस उपाय से बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी और वे घर बैठे शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।
शीतलहर से बचाव के उपाय
शीतलहर के दौरान बच्चों की सुरक्षा के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाने की सलाह दी गई है:
- बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं और ठंडी हवाओं से बचाएं।
- उन्हें घर के अंदर रखें और बाहर कम से कम भेजें।
- गरम पेय पदार्थ और पौष्टिक आहार दें।
- हीटर का उपयोग करते समय सुरक्षा का ध्यान रखें।
स्कूल प्रबंधन को निर्देश
अवकाश समाप्त होने के बाद स्कूल प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि कक्षाओं में हीटिंग की समुचित व्यवस्था हो। साथ ही, शिक्षकों को छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने और ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
अभिभावकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया
इस फैसले की सराहना करते हुए कई अभिभावकों ने कहा, “ठंड के इस मौसम में बच्चों की सुरक्षा से बढ़कर कुछ भी नहीं। ऑनलाइन कक्षाओं का सुझाव बेहद लाभकारी है, जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी।”