केंद्र सरकार हर साल जनवरी और जुलाई में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ता (Dearness Allowance-DA) और महंगाई राहत (Dearness Relief-DR) की दरों में संशोधन करती है। यह संशोधन अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (All India Consumer Price Index-AICPI) के आंकड़ों पर आधारित होता है। वर्तमान में जुलाई 2024 से 53% महंगाई भत्ता मिल रहा है और अब जनवरी 2025 से दरों में वृद्धि की संभावना है।
जनवरी 2025 में 56% तक हो सकता है डीए
जुलाई 2024 में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए 53% डीए लागू किया गया था। अब जनवरी 2025 से महंगाई भत्ता बढ़ने की उम्मीद है। AICPI इंडेक्स के जुलाई से अक्टूबर 2024 तक के आंकड़े 144.5 अंक पर हैं, जो दर्शाते हैं कि डीए का स्कोर 55.05% तक पहुंच चुका है।
यदि नवंबर और दिसंबर 2024 के आंकड़े भी इसी प्रवृत्ति को जारी रखते हैं, तो डीए में 3% वृद्धि तय है। इससे महंगाई भत्ता 56% तक पहुंच सकता है। हालांकि, अंतिम घोषणा होली के आसपास मार्च 2025 में होने की संभावना है।
कैसे किया जाता है डीए का कैलकुलेशन?
महंगाई भत्ते और राहत की गणना औद्योगिक श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) के आधार पर की जाती है।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए DA का फार्मूला:
DA% = [(AICPI का औसत (Base Year 2001 = 100) पिछले 12 महीनों के लिए – 115.76)/115.76] x 100
सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए DA का फार्मूला:
DA% = [(AICPI का औसत (Base Year 2001 = 100) पिछले 3 महीनों के लिए – 126.33)/126.33] x 100
इन फॉर्मूलों का उपयोग करते हुए सरकार यह तय करती है कि कर्मचारियों और पेंशनरों को कितने प्रतिशत वृद्धि का लाभ मिलेगा।
कितनी बढ़ेगी सैलरी और पेंशन?
यदि महंगाई भत्ता 3% बढ़कर 56% हो जाता है, तो इसका सीधा असर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों की सैलरी और पेंशन पर पड़ेगा।
उदाहरण:
- जिन कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, उन्हें 3% डीए बढ़ने पर 540 रुपये की वृद्धि मिलेगी।
- जिनकी अधिकतम बेसिक सैलरी 2,50,000 रुपये है, उन्हें 7,500 रुपये तक का लाभ होगा।
- पेंशनरों की पेंशन में भी 270 रुपये से 3,750 रुपये तक की वृद्धि होगी, जो उनके वित्तीय स्थायित्व को और मजबूत करेगी।
क्यों होता है डीए में संशोधन?
डीए और डीआर का मुख्य उद्देश्य महंगाई के प्रभाव को कम करना है। यह भत्ता 7th Pay Commission के दिशा-निर्देशों के तहत हर साल दो बार संशोधित किया जाता है। इसका आधार AICPI का औसत होता है, जो औद्योगिक श्रमिकों के जीवन यापन की लागत में बदलाव को मापता है।
महंगाई भत्ते की यह प्रणाली केवल कर्मचारियों के जीवन स्तर को बनाए रखने में मदद नहीं करती, बल्कि यह उन्हें बढ़ती महंगाई से भी बचाती है।
कब होगा आधिकारिक ऐलान?
जनवरी 2025 के डीए संशोधन का आधिकारिक ऐलान मार्च 2025 में हो सकता है। सरकार AICPI के नवंबर और दिसंबर 2024 के आंकड़ों के आधार पर अंतिम निर्णय लेगी।
डीए हाइक का व्यापक प्रभाव
डीए और डीआर वृद्धि से न केवल केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को लाभ होता है, बल्कि यह देश की आर्थिक स्थिति पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। इससे उपभोक्ता खर्च बढ़ता है, जिससे बाजार में मांग और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आती है।