News

सरकारी कर्मचारियों का 5डे वीक खत्म, अब शनिवार को भी जाना होगा ऑफिस!

कोरोना काल की राहत भरी व्यवस्था को सरकार ने अचानक किया खत्म, सहकारिता विभाग का आदेश और कर्मचारियों की बढ़ती नाराजगी से क्या है बड़ा खतरा? पढ़ें पूरी खबर!

Published on

कोरोना काल के दौरान लागू की गई फाइव डे वीक व्यवस्था को अब मध्य प्रदेश सरकार ने खत्म कर दिया है। सरकारी कर्मचारियों को अब सप्ताह में छह दिन काम करना होगा, जो पहले केवल पांच दिन तक सीमित था। इस बदलाव का सबसे पहला आदेश सहकारिता विभाग द्वारा जारी किया गया है। कर्मचारियों में इस फैसले को लेकर नाराजगी देखी जा रही है, लेकिन सरकार का तर्क है कि कामकाज की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए यह कदम उठाना जरूरी हो गया है।

सहकारिता विभाग ने जारी किया आदेश

भोपाल के सहकारिता विभाग के संयुक्त आयुक्त कार्यालय ने शनिवार की छुट्टी को निरस्त करते हुए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को शनिवार को कार्यालय में उपस्थित रहने का आदेश जारी किया है। आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि कर्मचारियों की कमी के कारण कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है।

आदेश के मुताबिक, भोपाल संभाग में कर्मचारियों की संख्या स्वीकृत पदों की तुलना में बेहद कम है। 106 स्वीकृत पदों के मुकाबले केवल 42 कर्मचारी कार्यरत हैं। इन 42 में से भी 7 कर्मचारी वरिष्ठ कार्यालय में तैनात हैं। इसके चलते विभाग को अपने दायित्व पूरे करने में कठिनाई हो रही है।

कर्मचारियों में नाराजगी, विभाग ने दिया स्पष्टीकरण

सरकारी कर्मचारियों में इस फैसले को लेकर नाराजगी जाहिर हो रही है। उनका मानना है कि कोरोना काल के दौरान लागू की गई फाइव डे वीक व्यवस्था से कर्मचारियों को थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन इसे खत्म करने का निर्णय उनकी समस्याओं को बढ़ा देगा।

विभाग ने इस आदेश के पीछे अपनी मजबूरी जताते हुए कहा कि भोपाल में पंजीकृत सहकारी संस्थाओं की संख्या 2,095 है। इन संस्थाओं की देखरेख और अन्य सरकारी दायित्वों के लिए कर्मचारियों को फील्ड में जाना पड़ता है। ऐसे में कार्यालय में उपस्थिति और फील्ड वर्क को संतुलित करना चुनौतीपूर्ण हो गया है।

अन्य विभागों में भी है समान स्थिति

यह केवल सहकारिता विभाग की समस्या नहीं है। राज्य के अन्य विभागों की स्थिति भी ऐसी ही है। अधिकांश विभागों में कर्मचारियों की संख्या स्वीकृत पदों से काफी कम है। 2025 तक बड़ी संख्या में कर्मचारियों के रिटायर होने की संभावना है, जिससे यह संकट और गहरा सकता है।

मध्य प्रदेश के सरकारी विभागों में कामकाज की जिम्मेदारियां बढ़ रही हैं, लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते दबाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सरकार को मजबूर होकर सप्ताह में छह दिन काम करने की व्यवस्था लागू करनी पड़ी है।

बढ़ते रिटायरमेंट और कम भर्तियां बनी समस्या

विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में राज्य सरकार द्वारा नई भर्तियों की संख्या में कमी की गई है। इसके अलावा, साल 2025 तक बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी रिटायर हो जाएंगे। इससे पहले से ही दबाव में चल रहे विभागों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

सरकार को अब इस स्थिति से निपटने के लिए दीर्घकालिक योजना बनानी होगी। इसमें नई भर्तियों का विस्तार, तकनीकी साधनों का उपयोग और कर्मचारियों के कामकाज के घंटे संतुलित करने जैसे कदम उठाने की आवश्यकता होगी।

कर्मचारियों के लिए क्या होंगे अगले कदम?

सरकारी कर्मचारियों ने इस निर्णय के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की है और वे सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

Leave a Comment