केंद्र सरकार ने 13 जनवरी 2025 को पेंशनभोगियों के डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (DLC) की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए एक अहम आदेश जारी किया। यह आदेश पेंशन व पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DOPPW) द्वारा जारी किया गया और इसमें सभी पेंशन वितरण प्राधिकरणों (PDAs) को सख्त निर्देश दिए गए हैं। आदेश के मुताबिक, PDAs को यह सुनिश्चित करना होगा कि पेंशनभोगियों को उनके जीवन प्रमाण पत्र की स्थिति की जानकारी समय पर SMS के माध्यम से दी जाए। यह कदम उन शिकायतों के बाद उठाया गया है, जिनमें पेंशनभोगियों ने DLC जमा करने के बावजूद पेंशन रुकने की समस्याएं बताई थीं।
पेंशनभोगियों की समस्याओं का समाधान
सरकार को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के बाद भी कई पेंशनभोगियों की पेंशन रुक जाती है। इसका मुख्य कारण यह था कि PDAs द्वारा DLC का रिकॉर्ड समय पर अपडेट नहीं किया जाता था और पेंशनभोगियों को उनकी DLC की स्थिति की जानकारी नहीं दी जाती थी। इसके परिणामस्वरूप, पेंशनभोगी यह नहीं जान पाते थे कि उनका DLC स्वीकार किया गया है या अस्वीकार। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने PDAs की लापरवाही को अस्वीकार्य करार दिया और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सख्त आदेश जारी किए।
20 फरवरी 2024 के आदेश में क्या कहा गया था?
20 फरवरी 2024 को सरकार ने PDAs के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए थे, जिनके तहत यह सुनिश्चित किया गया था कि डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र के स्वीकृत या अस्वीकृत होने की स्थिति की जानकारी पेंशनभोगी को उसी दिन SMS के माध्यम से दी जाए।
इसके अलावा, यदि पेंशनभोगी द्वारा गलत PDA, खाता संख्या, या PPO नंबर दर्ज किया गया हो, तो PDAs को यह सुनिश्चित करना था कि अस्वीकृति का स्पष्ट कारण पेंशनभोगी को SMS के माध्यम से बताया जाए।
उदाहरण के लिए, यदि गलत PDA दर्ज किया गया है, तो पेंशनभोगी को सूचित किया जाए कि उनका DLC अस्वीकृत है। अगर PDA सही है लेकिन खाता संख्या या PPO नंबर गलत है, तो इसके लिए भी अस्वीकृति का स्पष्ट कारण बताया जाना चाहिए।
हालांकि, इन निर्देशों का पालन सभी PDAs द्वारा सही ढंग से नहीं किया गया, जिसके कारण पेंशनभोगियों को अनावश्यक समस्याओं का सामना करना पड़ा। यही वजह है कि सरकार को 13 जनवरी 2025 को नया आदेश जारी करना पड़ा।
नए आदेश की मुख्य बातें
13 जनवरी 2025 के आदेश में केंद्र सरकार ने पेंशनभोगियों के लिए वार्षिक जीवन प्रमाण पत्र प्रक्रिया को अधिक सरल और पेंशन वितरण प्रणाली को जवाबदेह बनाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए।
सरकार ने स्पष्ट किया कि सभी पेंशनभोगियों को हर साल नवंबर महीने में अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य है। इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (DLC) का विकल्प प्रदान किया गया है, जिसमें बायोमेट्रिक उपकरण और फेस ऑथेंटिकेशन जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है। इससे पेंशनभोगियों को प्रमाण पत्र जमा करने में सहूलियत होती है।
DLC की स्थिति की सूचना SMS के माध्यम से देना अनिवार्य
सरकार ने PDAs को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि पेंशनभोगियों को डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के बाद SMS के माध्यम से यह जानकारी दी जाए कि उनका प्रमाण पत्र स्वीकार हुआ है या अस्वीकृत। यह SMS अगले दिन तक भेजा जाना अनिवार्य है।
यदि किसी कारण से DLC अस्वीकृत होता है, तो PDAs को पेंशनभोगी को अस्वीकृति का स्पष्ट कारण बताना होगा। इस प्रक्रिया में पेंशन को रोकने की अनुमति नहीं दी गई है, और पेंशनभोगी को अपनी त्रुटियों को सुधारने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा।
अस्वीकृत DLC के समाधान के लिए निर्देश
सरकार ने PDAs को यह भी निर्देश दिया है कि किसी भी अस्वीकृत DLC के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई करें। यदि पेंशनभोगी ने गलत जानकारी दर्ज की है, तो PDAs को यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें दोबारा जीवन प्रमाण पत्र जमा करने का मौका दिया जाए। इस दौरान उनकी पेंशन को किसी भी स्थिति में नहीं रोका जाना चाहिए।
सरकार की सख्त चेतावनी
नए आदेश में सरकार ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि PDAs इन निर्देशों का पालन करने में विफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश न केवल PDAs की जवाबदेही सुनिश्चित करेगा, बल्कि पेंशनभोगियों को उनकी पेंशन निर्बाध रूप से मिलती रहेगी।
पेंशनभोगियों को बड़ी राहत
इस आदेश से पेंशनभोगियों को बड़ी राहत मिली है। अब उन्हें यह चिंता नहीं करनी होगी कि उनका जीवन प्रमाण पत्र रिकॉर्ड में अपडेट हुआ है या नहीं। SMS संदेशों के माध्यम से उन्हें समय पर जानकारी मिलेगी, जिससे उनकी पेंशन बिना किसी रुकावट के जारी रहेगी। यह कदम सरकार की पेंशनभोगियों के प्रति संवेदनशीलता और उनके हितों की रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।