प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत अब उपभोक्ताओं को अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाने के लिए किसी तरह का अग्रिम भुगतान नहीं करना होगा। सरकार ने इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए नए वित्तीय मॉडल पेश किए हैं। इसका उद्देश्य सोलर एनर्जी को बढ़ावा देना और बिजली की लागत को कम करना है।
सब्सिडी से सस्ता हुआ सोलर पैनल इंस्टॉलेशन
पीएम बिजली योजना के तहत सोलर पैनल लगाने पर सब्सिडी प्रदान की जाती है। 2 किलोवाट तक के सोलर पैनल पर 30,000 रुपये, 3 किलोवाट तक के पैनल पर 48,000 रुपये और 3 किलोवाट से ऊपर के पैनल पर 78,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है। इस सब्सिडी ने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन को आर्थिक रूप से किफायती बना दिया है।
नए वित्तीय मॉडल से उपभोक्ताओं को राहत
सरकार ने इस योजना के तहत दो नए वित्तीय मॉडल पेश किए हैं। पहला मॉडल उपयोगिता-आधारित एकत्रीकरण मॉडल है, जिसमें डिस्कॉम और राज्य द्वारा संचालित एजेंसियां उपभोक्ताओं के घर पर सोलर पैनल लगाएंगी। इसके लिए उपभोक्ताओं को तुरंत भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि धीरे-धीरे किस्तों में भुगतान किया जाएगा। दूसरा मॉडल सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल है, जिसमें निजी कंपनियां और सरकार मिलकर सोलर पैनल इंस्टॉलेशन का खर्च वहन करेंगी। उपभोक्ता को केवल उपयोग की गई बिजली का शुल्क देना होगा।
पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा बचत में योगदान
सोलर एनर्जी का उपयोग न केवल बिजली के खर्च को कम करता है, बल्कि यह पर्यावरण को भी सुरक्षित रखता है। यह पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम करता है और कार्बन उत्सर्जन में भी कमी लाता है।
कैसे करें योजना के लिए आवेदन
इस योजना का लाभ उठाने के लिए उपभोक्ता अपने स्थानीय डिस्कॉम की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया सरल और पारदर्शी है। इसके अलावा, उपभोक्ता अपने नजदीकी सरकारी कार्यालय में जाकर भी योजना से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार का बड़ा कदम
भारत सरकार ने 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी का लक्ष्य रखा है। पीएम सूर्यघर योजना जैसी योजनाएं भारत को इस लक्ष्य तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इस योजना से उपभोक्ताओं को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा प्राप्त करने का अवसर मिल रहा है