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फर्जी कॉल्स से मिलेगी राहत! DoT का बड़ा आदेश, अब कॉलर ID फीचर होगा अनिवार्य

दूरसंचार विभाग ने फर्जी कॉल्स पर लगाम लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया, जल्द आएगी CNAP सेवा जो स्मार्टफोन यूजर्स को कॉलर की पहचान बताएगी।

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फर्जी कॉल्स से मिलेगी राहत! DoT का बड़ा आदेश, अब कॉलर ID फीचर होगा अनिवार्य

अगर आप किसी भी प्रकार के फोन का इस्तेमाल करते हैं, चाहे वह स्मार्टफोन हो या कीपैड वाला फोन, तो स्पैम कॉल्स से परेशान होना आम बात है। कई बार अनजान नंबर से आई कॉल को यह सोचकर उठाया जाता है कि यह ऑफिस या जॉब से संबंधित हो सकती है। लेकिन यह कॉल्स अक्सर स्कैमिंग का शिकार बना देती हैं। इसी समस्या से निपटने के लिए भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक नई तकनीक का रास्ता तैयार किया है।

दूरसंचार विभाग ने देश के सभी प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटर्स, जैसे एयरटेल, जियो, बीएसएनएल और वोडाफोन आइडिया, को कॉलर नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सेवा शुरू करने का निर्देश दिया है। इस कदम का उद्देश्य फर्जी कॉल्स पर लगाम लगाना और यूजर्स को सुरक्षित संचार का अनुभव प्रदान करना है।

CNAP सेवा, स्पैम कॉल्स रोकने की नई पहल

CNAP तकनीक के माध्यम से अब हर कॉल रिसीव करने वाले व्यक्ति को कॉल करने वाले का वेरिफाइड नाम स्क्रीन पर दिखेगा। यह नाम उस सिम कार्ड के KYC डेटा के आधार पर प्रदर्शित होगा। इससे स्कैमर्स और फर्जी कॉल्स पर लगाम लगाने में बड़ी मदद मिलेगी।

ET टेलीकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, DoT ने हाल ही में सभी टेलीकॉम कंपनियों के साथ एक बैठक आयोजित की, जिसमें CNAP सेवा की आवश्यकता और इसे जल्द से जल्द लागू करने पर चर्चा की गई। वर्तमान में यह सेवा परीक्षण चरण में है। यह स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा, हालांकि 2G फीचर फोन यूजर्स को यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी।

वेरिफाइड नाम से होगी स्कैमर्स की पहचान

CNAP सेवा का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि कॉल करने वाले का वेरिफाइड नाम स्क्रीन पर दिखाई देगा। इससे यूजर्स आसानी से पहचान सकेंगे कि कॉल करने वाला व्यक्ति असली है या नहीं। साथ ही, स्कैमर्स और धोखाधड़ी करने वालों के मंसूबों पर भी पानी फिर जाएगा।

दूरसंचार विभाग ने इस सेवा को जल्द लागू करने के लिए निर्देश जारी किए हैं, ताकि इसे हर उपयोगकर्ता के लिए उपलब्ध कराया जा सके।

सिम कार्ड वेरिफिकेशन पर भी होगी सख्ती

CNAP सेवा के अलावा, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने सिम कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को और अधिक सख्त बनाने का निर्णय लिया है। अब टेलीकॉम कंपनियों को आधार बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के बिना सिम कार्ड बेचने की अनुमति नहीं होगी।

इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी फर्जी दस्तावेज़ के जरिए सिम कार्ड प्राप्त न कर सके। इससे अनधिकृत गतिविधियों और धोखाधड़ी पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा।

फर्जी कॉल्स पर लगेगी लगाम

DoT के इस कदम से न केवल उपयोगकर्ताओं को स्पैम कॉल्स से छुटकारा मिलेगा, बल्कि देश में बढ़ रहे साइबर क्राइम और टेलीकॉम फ्रॉड पर भी अंकुश लग सकेगा।

यह सेवा लोगों को सुरक्षित संचार का अनुभव देने के लिए बनाई गई है। CNAP सेवा लागू होने के बाद, टेलीकॉम कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि हर कॉल वेरिफाइड हो और कॉल रिसीव करने वाले को नाम प्रदर्शित हो।

CNAP, भविष्य की तकनीक

CNAP सेवा भारत में टेलीकॉम उद्योग के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकती है। इसे लागू करने से यूजर्स को न केवल सुरक्षा मिलेगी, बल्कि टेलीकॉम कंपनियों की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।

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