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One Year B.Ed Course Update: अब B.Ed कोर्स 1 साल का होगा, लेकिन कौन लोग कर पाएंगे, जानें

एनसीटीई की नई पहल से छात्रों के लिए सुनहरा मौका! कम समय में शिक्षक बनने और करियर को नई उड़ान देने के लिए जानें 1 वर्षीय बी.एड कोर्स की पूरी जानकारी। यह बदलाव शिक्षा क्षेत्र में क्रांति का प्रतीक है।

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One Year B.Ed Course Update: अब B.Ed कोर्स 1 साल का होगा, लेकिन कौन लोग कर पाएंगे, जानें

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने हाल ही में 1 वर्षीय बी.एड कोर्स को पुनः शुरू करने की घोषणा की है। यह खबर शिक्षा क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। लगभग 10 सालों के अंतराल के बाद, इस कोर्स को फिर से प्रारंभ किया जा रहा है। इसका उद्देश्य छात्रों को कम समय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर उन्हें एक सक्षम शिक्षक बनने का अवसर प्रदान करना है। एनसीटीई के चेयरमैन प्रो. पंकज अरोड़ा ने इस कोर्स की बहाली और उससे जुड़े नए नियमों की जानकारी देते हुए इसे शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव बताया।

1 वर्षीय बी.एड कोर्स का उद्देश्य

1 वर्षीय बी.एड कोर्स को पुनः शुरू करने का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों की कमी को दूर करना और छात्रों को जल्दी से शिक्षण क्षेत्र में कदम रखने का अवसर देना है। यह कोर्स विशेष रूप से उन छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो शिक्षण को अपना करियर बनाना चाहते हैं। इस कोर्स के जरिए उन्हें शिक्षण के लिए आवश्यक कौशल और प्रशिक्षण प्राप्त होगा, जिससे वे एक कुशल शिक्षक के रूप में समाज में अपनी पहचान बना सकें। कम समय में शिक्षक बनने का यह अवसर छात्रों के समय और प्रयास दोनों की बचत करेगा।

कौन कर सकता है 1 वर्षीय बी.एड कोर्स?

इस कोर्स को शुरू करने के लिए एनसीटीई ने कुछ पात्रता मानदंड निर्धारित किए हैं। यह कोर्स उन छात्रों के लिए है जिन्होंने पहले से ही चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम या स्नातकोत्तर शिक्षा पूरी कर ली है। इन योग्यताओं के साथ छात्र इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके जरिए छात्रों को एक ऐसा मंच मिलेगा, जो उन्हें शिक्षण के क्षेत्र में आगे बढ़ने और अपने करियर को मजबूती देने में मदद करेगा।

एनसीटीई चेयरमैन का बयान

एनसीटीई के चेयरमैन प्रो. पंकज अरोड़ा ने इस कोर्स की वापसी को लेकर कहा कि गवर्निंग बॉडी के नए नियम 2025 से लागू होंगे, जो 2014 के पुराने नियमों की जगह लेंगे। उन्होंने बताया कि इन नए नियमों के तहत 1 वर्षीय बी.एड कोर्स को पुनः शुरू किया जा रहा है। यह पहल छात्रों और शिक्षा क्षेत्र के लिए सकारात्मक बदलाव लाने में मददगार होगी।

4 वर्षीय ITEP कोर्स की विशेषताएं

प्रो. अरोड़ा ने यह भी बताया कि 1 वर्षीय बी.एड कोर्स के साथ-साथ 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) भी छात्रों के लिए एक बेहतर विकल्प है। ITEP को वर्तमान में देश के 64 संस्थानों में चलाया जा रहा है। यह प्रोग्राम छात्रों को डुअल डिग्री प्रदान करता है, जिसके तहत वे बीए-बी.एड, बीकॉम-बी.एड और बीएससी-बी.एड जैसे कोर्स कर सकते हैं। इस कोर्स में अब योग शिक्षा, फिजिकल एजुकेशन, संस्कृत और परफॉर्मिंग आर्ट्स जैसे विषयों को भी शामिल किया जा रहा है। यह प्रोग्राम छात्रों को विषयगत विशेषज्ञता और शिक्षण कौशल दोनों में निपुण बनाता है।

एनसीटीई के नए नियम और दिशानिर्देश

एनसीटीई ने 1 वर्षीय बी.एड कोर्स के पुनः प्रारंभ के लिए कुछ नए नियम और दिशानिर्देश तैयार किए हैं। इनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इस कोर्स के माध्यम से छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिले। एनसीटीई यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि इस कोर्स के जरिए छात्रों को शिक्षण क्षेत्र में बेहतर करियर विकल्प प्रदान किए जाएं। इन नए नियमों का उद्देश्य छात्रों को एक ऐसा प्लेटफॉर्म देना है, जहां से वे कुशल शिक्षक के रूप में उभर सकें।

शिक्षा क्षेत्र में बदलाव का प्रतीक

1 वर्षीय बी.एड कोर्स की वापसी केवल छात्रों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा क्षेत्र के लिए एक बड़े बदलाव का प्रतीक है। इस कोर्स के माध्यम से शिक्षकों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी और छात्रों को अपने करियर को तेजी से आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा। यह पहल न केवल शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएगी, बल्कि समाज में शिक्षकों की भूमिका को और सशक्त बनाएगी।

छात्रों के लिए सुनहरा अवसर

जो छात्र शिक्षण क्षेत्र में रुचि रखते हैं और कम समय में शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं, उनके लिए यह कोर्स एक सुनहरा अवसर है। इस कोर्स के माध्यम से उन्हें गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे वे शिक्षण के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित कर सकें। यह कोर्स छात्रों को शिक्षण कौशल विकसित करने और समाज में एक सकारात्मक प्रभाव डालने का अवसर प्रदान करेगा।

1 वर्षीय बी.एड कोर्स: करियर की नई राह

1 वर्षीय बी.एड कोर्स की वापसी भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल छात्रों को लाभ होगा, बल्कि पूरे शिक्षा क्षेत्र को नई दिशा और ऊर्जा मिलेगी। यह कोर्स शिक्षकों की गुणवत्ता को बढ़ावा देने और छात्रों को शिक्षण के लिए तैयार करने में अहम भूमिका निभाएगा।

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