बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं परीक्षा को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। चर्चित शिक्षक खान सर, जो अपनी अनूठी पढ़ाने की शैली और विवादित बयानों के लिए मशहूर हैं, ने परीक्षा रद्द करने और नॉर्मलाइजेशन के मुद्दे पर आयोग पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने BPSC पर सीट बेचने जैसे गंभीर आरोप लगाए और इस दौरान अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया। इस विवाद के चलते BPSC ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए लीगल नोटिस जारी किया है।
खान सर के नाम का खुलासा
सोशल मीडिया पर हमेशा चर्चा में रहने वाले खान सर के असली नाम को लेकर लंबे समय से कयास लगाए जाते रहे हैं। कई बार उनसे इस बारे में सवाल किए गए, लेकिन हर बार उन्होंने इसे टाल दिया। अफवाहें भी उड़ीं कि उनका नाम “अमित” है। हालांकि, BPSC द्वारा भेजे गए पांच पन्नों के लीगल नोटिस में उनके असली नाम का जिक्र किया गया है। नोटिस में उन्हें फैसल खान @ खान सर के नाम से संबोधित किया गया है।
BPSC ने क्या लिखा नोटिस में?
आयोग ने अपने नोटिस में खान सर की टिप्पणी को “अपमानजनक और निराधार” करार दिया। आयोग ने कहा कि उनके बयान ने न सिर्फ संस्थान की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है, बल्कि इससे कानून व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
BPSC ने आरोप लगाया कि खान सर ने अभ्यर्थियों को आयोग के खिलाफ प्रदर्शन के लिए उकसाया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हुई। आयोग ने कहा कि यह कृत्य न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि छात्रों के भविष्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
बिना शर्त माफी की मांग
नोटिस में BPSC ने खान सर से पंद्रह दिनों के अंदर बिना शर्त सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है। आयोग ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो उनके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आयोग ने कहा, “आपने आयोग और उसके पदाधिकारियों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है। आपकी निराधार टिप्पणियां न केवल अफवाह फैलाने वाली हैं, बल्कि इससे छात्रों में गुमराह करने वाली जानकारी भी फैली है।”
गंभीर आरोपों की जांच
BPSC ने खान सर से उनके उन बयानों पर स्पष्टीकरण मांगा है, जिसमें उन्होंने आयोग पर सीट बेचने का आरोप लगाया था। नोटिस में पूछा गया कि उन्होंने यह आरोप किस आधार पर लगाया कि आयोग की सीटें अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों के माध्यम से बेची जा रही हैं।
छात्रों और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
खान सर के समर्थन और विरोध में सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। जहां कुछ लोग उनके आरोपों को सही मानते हैं और आयोग की प्रक्रियाओं पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं कई लोग यह भी कह रहे हैं कि खान सर को बिना सबूत आरोप लगाने से बचना चाहिए।
विवाद का भविष्य
BPSC और खान सर के बीच यह विवाद अब कानूनी मोड़ ले चुका है। आयोग के नोटिस से यह स्पष्ट है कि मामला यहीं नहीं रुकेगा। अब यह देखना होगा कि खान सर माफी मांगते हैं या अपने बयान को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत पेश करते हैं।