देशभर में ठंड का असर तेजी से बढ़ता जा रहा है, खासकर उत्तर भारत में जहां कड़ाके की सर्दी ने आम जीवन को प्रभावित कर दिया है। इस अत्यधिक सर्दी के कारण कई राज्यों में स्कूलों की छुट्टियाँ बढ़ा दी गई हैं। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, और दिल्ली जैसे राज्य इस बदलाव से प्रभावित हुए हैं, जहां बच्चों की सेहत का ध्यान रखते हुए स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है। ठंड के कारण स्कूलों की छुट्टियाँ बढ़ाना एक आम कदम बन चुका है, लेकिन इस फैसले से जुड़े अन्य पहलुओं पर भी विचार करने की आवश्यकता है, खासकर शिक्षा पर इसके प्रभाव को लेकर।
उत्तर प्रदेश में शीतलहर का असर
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में शीतलहर के कारण स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है। बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर और गाजियाबाद जैसे जिलों में शिक्षा विभाग ने बच्चों की सेहत को प्राथमिकता देते हुए स्कूलों की छुट्टियाँ बढ़ा दी हैं। बरेली में जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने कक्षा 1 से 8 तक के सभी सरकारी, निजी और परिषदीय स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। वहीं बदायूं में जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने 15 और 16 जनवरी को कक्षा 8 तक के स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया है। शाहजहांपुर में भी कक्षा 8 तक के स्कूलों को 16 जनवरी तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है। गाजियाबाद में भी शीतकालीन अवकाश को 18 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है, हालांकि शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को काम पर आने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश सभी स्कूलों पर लागू होगा, चाहे वे किसी भी बोर्ड से जुड़े हों।
दक्षिण भारत में त्योहारों की छुट्टियाँ
दक्षिण भारत में इस समय फसल कटाई का मौसम और विभिन्न त्योहारों का आयोजन हो रहा है, जिस कारण स्कूलों की छुट्टियाँ बढ़ाई गई हैं। तमिलनाडु में पोंगल के त्योहार के मद्देनजर राज्य सरकार ने 20 जनवरी तक स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों को बंद रखने का ऐलान किया है। इसी तरह तेलंगाना में भी 11 से 16 जनवरी तक छुट्टियाँ घोषित की गई थीं, जो 17 जनवरी से खत्म हो चुकी हैं। ये छुट्टियाँ त्योहारों और मौसम की परिस्थितियों के कारण दी गई थीं, जिससे बच्चों और परिवारों को त्योहारों का पूरा आनंद लेने का अवसर मिला।
जम्मू और कश्मीर में विंटर वेकेशन
कश्मीर घाटी में ठंड का असर बहुत ज्यादा है और तापमान निचले स्तर तक गिर चुका है। जम्मू और कश्मीर में कक्षा 5 तक के स्कूलों के लिए विंटर वेकेशन 10 दिसंबर 2024 से शुरू हो चुका है और यह 28 फरवरी 2025 तक जारी रहेगा। यह निर्णय कश्मीर घाटी में अत्यधिक सर्दी और बर्फबारी के कारण लिया गया है। बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
हिमाचल प्रदेश में सर्दियों की छुट्टियाँ
हिमाचल प्रदेश में भी ठंड के असर के चलते सर्दियों के मौसम में स्कूलों की छुट्टियाँ बढ़ाई गई हैं। राज्य सरकार ने कक्षा 8 तक के छात्रों के लिए स्कूलों में छुट्टियाँ शुरू कर दी हैं। इस अवधि के दौरान बच्चों को ठंड से बचाने और उनकी सेहत का ध्यान रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।
स्कूलों में छुट्टियों के कारण पढ़ाई पर असर
हालांकि स्कूलों की छुट्टियाँ बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बढ़ाई जा रही हैं, लेकिन इससे पढ़ाई पर असर पड़ना तय है। शिक्षकों और अभिभावकों के लिए यह चिंता का विषय बन चुका है कि बच्चों को समय पर पाठ्यक्रम पूरा कराना एक बड़ी चुनौती बन सकती है। बढ़ी हुई छुट्टियों के कारण बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान आ सकता है, जिससे उनका शैक्षिक प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा, अधिक छुट्टियाँ फीस के नुकसान और मानसिक दबाव का कारण भी बन सकती हैं। कई स्कूलों में परीक्षा की तारीखें नजदीक आ रही हैं और बच्चों को शैक्षिक सत्र के दौरान पाठ्यक्रम पूरा करने में परेशानी हो सकती है।
क्या मौसम के हिसाब से छुट्टियों का बढ़ना जरूरी है?
हर साल ठंड के बढ़ते असर के कारण स्कूलों में छुट्टियाँ बढ़ाई जाती हैं, लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या इस प्रकार की छुट्टियाँ बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान नहीं डालतीं? लंबे समय तक छुट्टियाँ बच्चों के अध्ययन में रुकावट डाल सकती हैं, जिससे उनका शैक्षिक स्तर प्रभावित हो सकता है। इस समस्या का समाधान खोजना जरूरी है, ताकि बच्चों का समय बर्बाद न हो और उनकी पढ़ाई में कोई नुक्सान न हो। सरकार और शिक्षा विभाग को इस समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, जिससे बच्चों की सेहत का ध्यान भी रखा जा सके और उनकी पढ़ाई पर भी कोई असर न पड़े।