सर्दियों के मौसम में ऊन और मांस की मांग तेजी से बढ़ जाती है। इसी मांग को पूरा करने के लिए राज्य सरकार किसानों को भेड़ पालन (Sheep Farming) की दिशा में प्रोत्साहित कर रही है। भेड़ पालन, बकरी पालन की तरह ही एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें कम निवेश के साथ अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।
90% सब्सिडी वाली भेड़ पालन योजना
राज्य सरकार की भेड़ पालन योजना के तहत किसानों को कुल लागत का 90% सब्सिडी दी जा रही है। योजना के तहत लाभार्थी किसानों को केवल 10% राशि खर्च करनी होती है। इस योजना के अंतर्गत, किसान मात्र 1.7 लाख रुपये की लागत पर 1.53 लाख रुपये की सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। इससे भेड़ पालन शुरू करना अत्यंत सस्ता और सुविधाजनक हो जाता है।
कम मेहनत, ज्यादा मुनाफा
भेड़ पालन में मेहनत कम और मुनाफा अधिक है। भेड़ों के रखरखाव के लिए विशेष व्यवस्था की आवश्यकता नहीं होती। किसान अपने घर के बाहर खाली जगह पर शेड बनाकर भेड़ों को रख सकते हैं। भेड़ों को पेड़ों की पत्तियां और घास के रूप में भोजन मिल जाता है।
सब्सिडी के तहत कितनी भेड़ों की जरूरत?
योजना के तहत लाभार्थी को 20 मादा और 1 नर भेड़ पालनी होती है। सरकार लाभार्थी से 5 साल का अनुबंध करती है। इस अवधि में किसान तीन तरीकों से मुनाफा कमा सकते हैं:
- भेड़ का ऊन बाजार में महंगे दामों पर बिकता है।
- मांस के लिए भेड़ों की हमेशा मांग बनी रहती है।
- भेड़ के गोबर को खेतों में उर्वरक के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
भेड़ पालन में लागत और लाभ
भेड़ों की कीमत आमतौर पर 5,000 से 10,000 रुपये प्रति भेड़ होती है। 20 मादा और 1 नर भेड़ की कीमत लगभग 1 से 2 लाख रुपये होती है। लेकिन भेड़ पालन योजना के तहत 90% सब्सिडी मिलने से यह खर्च बहुत कम हो जाता है।
योजना के तहत 5 यूनिट भेड़ों के लिए कुल लागत 1.7 लाख रुपये निर्धारित है। किसान को इसमें से केवल 17,000 रुपये अपनी जेब से जमा करने होते हैं। यह राशि सीधे उनके बैंक खाते में जमा की जाती है।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
- आधार कार्ड
- स्थायी निवास प्रमाण-पत्र
- बैंक पासबुक की फोटो कॉपी
- भेड़ पालन प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र
- शैक्षिक योग्यता प्रमाण-पत्र
- भेड़ पालन के लिए तीन साल तक कार्य करने का शपथ पत्र
आवेदन प्रक्रिया
किसान योजना के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं।
ऑफलाइन प्रक्रिया:
- आवेदन फॉर्म पशुपालन विभाग से प्राप्त करें।
- फॉर्म को सही तरीके से भरें और जरूरी दस्तावेजों को संलग्न करें।
- ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी से सत्यापन कराएं।
- फॉर्म पशुपालन विभाग में जमा करें।
ऑनलाइन प्रक्रिया:
- किसान https://www.animalhusb.upsdc.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
- योजना की विस्तृत जानकारी के लिए किसान अपने जिले के पशुपालन विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
भेड़ पालन के फायदे
- 90% सब्सिडी की मदद से भेड़ पालन शुरू करना सस्ता होता है।
- ऊन, मांस और गोबर से तिहरा लाभ।
- भेड़ों को विशेष आहार या रखरखाव की आवश्यकता नहीं होती।
- भेड़ का गोबर खेतों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए उर्वरक के रूप में उपयोग किया जाता है।
योजना के प्रभाव और विस्तार
यह योजना उत्तर प्रदेश के 40 जिलों में लागू की गई है। गोंडा जिले के प्रभारी मुख्य पशुपालक चिकित्सा अधिकारी के अनुसार, योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को अतिरिक्त आय का साधन प्रदान करना है।