राज्य सरकार ने वर्ष 2025 के लिए सरकारी स्कूलों में अवकाश तालिका जारी कर दी है, जिसमें कुल 60 दिन का अवकाश निर्धारित किया गया है। इनमें से 55 दिनों के अवकाश की तिथियाँ पहले से निर्धारित की गई हैं, जबकि 5 दिनों का अवकाश स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर जिला स्तर पर तय किया जाएगा। यह निर्णय जिले के उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा लिया जाएगा। इसके तहत, जिलों को शैक्षिक सत्र शुरू होने से पहले शिक्षा विभाग को अवकाश की तिथियों की जानकारी देनी होगी।
गर्मी और शीतकालीन अवकाश की तिथियाँ
वर्ष 2025 के लिए राज्य के सरकारी स्कूलों में गर्मी की छुट्टियाँ 12 दिन और शीतकालीन अवकाश 4 दिन रहेगा। शिक्षा विभाग ने इन अवकाशों के लिए विशिष्ट तिथियाँ भी निर्धारित की हैं। हालांकि, विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इन छुट्टियों की तिथियों में संशोधन किया जा सकता है। इससे यह संकेत मिलता है कि किसी भी अप्रत्याशित परिस्थितियों में अवकाश तालिका में बदलाव किया जा सकता है।
राष्ट्रीय पर्वों और विशेष अवसरों के लिए दिशा-निर्देश
विभाग द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार, सभी सरकारी स्कूलों में राष्ट्रीय पर्वों को मनाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, बच्चों को किसी अन्य अवसर पर रैली या प्रभात फेरी में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी। अगर किसी जिला या राज्य स्तर पर कोई विशेष दिवस या समारोह आयोजित किया जाता है, तो इसे स्कूल के कार्य दिवस (अपराह्न तीन बजे) के बाद आयोजित किया जाएगा। यह सभी निर्देश शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत लागू होंगे।
समान अवकाश कैलेंडर
राज्य सरकार ने सभी सरकारी और गैर-सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए एक समान अवकाश कैलेंडर जारी किया है। यह कैलेंडर राज्य के प्राथमिक विद्यालयों से लेकर प्लस टू उच्च विद्यालयों तक के लिए लागू होगा। इसके अलावा, उर्दू विद्यालयों को भी इस कैलेंडर में शामिल किया गया है, हालांकि आवासीय विद्यालयों को इसमें शामिल नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि उर्दू विद्यालयों में साप्ताहिक अवकाश रविवार के बजाय शुक्रवार को होगा।
रविवार को अवकाश से संबंधित निर्देश
अवकाश तालिका में यह स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई पर्व या त्योहार रविवार को आता है, तो उसे अवकाश के दिन के रूप में नहीं माना जाएगा। इसका मतलब है कि रविवार को पड़ने वाले किसी भी पर्व या त्योहार को अवकाश के रूप में शामिल नहीं किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि विद्यार्थियों और शिक्षकों को स्थिर और स्थायी अवकाश दिनांक मिलें।
जिला स्तर पर अवकाश निर्धारण
शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि कुछ अतिरिक्त अवकाश जिला स्तर पर स्थानीय जरूरतों के आधार पर दिए जा सकते हैं। यह निर्णय जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित एक समिति द्वारा लिया जाएगा। इस समिति को स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर अवकाश की तिथियाँ निर्धारित करने का अधिकार दिया गया है। इसके तहत, जिला प्रशासन को शिक्षा विभाग से परामर्श करके उपयुक्त अवकाश की तिथियाँ तय करनी होंगी।
अवकाश तालिका में संशोधन की संभावना
शिक्षा विभाग ने यह भी कहा है कि अवकाश तालिका में आवश्यकतानुसार बदलाव किया जा सकता है, खासकर मौसम और विशेष परिस्थितियों के कारण। यदि गर्मी और शीतकालीन अवकाश की तिथियों में किसी प्रकार का बदलाव होता है, तो यह विभाग द्वारा तय किया जाएगा। ऐसे में, विद्यार्थियों और शिक्षकों को भविष्य में इस तालिका में संभावित बदलावों के लिए तैयार रहना होगा।
2025 के लिए निर्धारित यह अवकाश तालिका राज्य के सरकारी स्कूलों में एक नई व्यवस्था का हिस्सा है, जो छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इस प्रकार के कदमों से शिक्षा विभाग की योजना यह सुनिश्चित करना है कि सभी स्कूलों में एक समान अवकाश नीति लागू हो, जिससे किसी प्रकार का भ्रम न उत्पन्न हो और शैक्षिक सत्र में कोई बाधा न आए।